Norway Chess 2025: विश्व चैंपियन डी गुकेश ने क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हराया मैग्नस कार्लसन, गुस्से में बौखलाए कार्लसन…

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Norway Chess 2025: विश्व चैंपियन डी गुकेश ने क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हराया मैग्नस कार्लसन, गुस्से में बौखलाए कार्लसन...

शतरंज इतिहास में नया अध्याय, गुकेश ने तोड़ा कार्लसन का वर्चस्व

नॉर्वे चेस 2025 में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने पूर्व विश्व नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल टाइम कंट्रोल फॉर्मेट में अपने करियर में पहली बार मात दी। यह जीत गुकेश के लिए खास थी क्योंकि पहले राउंड में इसी टूर्नामेंट में उन्हें कार्लसन से हार मिली थी

दबाव के बीच संयम और रणनीति का कमाल

  • मुकाबला नॉर्वे के स्टावेंगर में खेला गया।

  • 18 वर्षीय गुकेश ने सफेद मोहरों से खेलते हुए मैच की शुरुआत से ही अनुशासन और संतुलन बनाए रखा।

  • हालांकि बीच के चरणों में कार्लसन बेहतर स्थिति में थे, लेकिन उन्होंने गंभीर चूक कर दी, जिससे गुकेश ने वापसी कर इतिहास रच दिया

हार से तिलमिलाए कार्लसन, टेबल पर हाथ पटकते दिखे

  • मैच के बाद गुस्से में कार्लसन ने चेसबोर्ड पर हाथ पटका

  • वह बिना किसी से बात किए सीधे अपनी कार में बैठकर निकल गए

https://x.com/ChessbaseIndia/status/1929258857802432767

‘किंग’ कहे जाने वाले कार्लसन को गुकेश ने दी मात

  • कार्लसन ने हाल ही में गुकेश को हराकर एक क्रिप्टिक सोशल मीडिया पोस्ट किया था:
    “अगर आप किंग के पास आते हैं, तो चूकना मत।”

  • लेकिन अब गुकेश ने उन्हीं के मैदान में उन्हें मात दे दी

  • यह दूसरी बार है जब किसी भारतीय युवा ने Norway Chess क्लासिकल फॉर्मेट में कार्लसन को हराया है — 2024 में प्रग्गनानंदा ने यह उपलब्धि हासिल की थी

2024 में वर्ल्ड चैंपियन बने थे गुकेश

  • दिसंबर 2024, सिंगापुर: गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को हराया।

  • वे 18 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनने वाले पहले खिलाड़ी बने।

  • इससे पहले यह रिकॉर्ड गैरी कास्पारोव के नाम था, जिन्होंने 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।

ओलिंपियाड में भी रचा था इतिहास

  • बुडापेस्ट 2024 चेस ओलिंपियाड में गुकेश ने निर्णायक जीत के साथ भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था।

क्लासिकल चेस: धैर्य और गहरी सोच का असली इम्तिहान

  • क्लासिकल फॉर्मेट को शतरंज का सबसे गंभीर और पारंपरिक फॉर्मेट माना जाता है।

  • खिलाड़ियों को 90 से 120 मिनट तक का समय मिलता है।

  • इस फॉर्मेट में कार्लसन का दबदबा था — लेकिन गुकेश ने अब यहां भी नई मिसाल पेश की

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पहले राउंड की हार के बाद मिली जबरदस्त वापसी

  • गुकेश ने पहले ही राउंड में कार्लसन से हार खाई थी।

  • लेकिन छठे राउंड में जीत के साथ उन्होंने जवाबी वार करते हुए अपनी वापसी को ऐतिहासिक बना दिया

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