कहाँ और क्या हुआ?
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शाहदादपुर में चार हिंदू भाई-बहनों को अगवा कर जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाने का मामला सामने आया है।
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एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित बच्चों की मां ने बताया कि स्थानीय कंप्यूटर शिक्षक फरहान खासखेली ने बच्चों को बहलाया और फिर अगवा कर लिया।
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मां की गुहार – “मेरे पास तीन बेटियां थीं… अब एक भी नहीं रही। मेरा बेटा सिर्फ 13 साल का है, उसे धर्म क्या होता है ये भी नहीं पता।”
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उन्होंने PPP नेता बिलावल भुट्टो जरदारी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
वायरल वीडियो और सामुदायिक आक्रोश
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बच्चों के कथित इस्लाम धर्म अपनाने की फुटेज देखी गई।
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हिंदू पंचायत प्रमुख राजेश कुमार ने इसे सांस्कृतिक आतंकवाद करार देते हुए कहा, “क्या ये बच्चे वाकई इतना सोच सकते हैं कि धर्म बदलने का निर्णय लें?”
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बेटियों को मेडिकल छात्रा बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके साथ बड़ा अन्याय हुआ है।
https://x.com/ocjain4/status/1936285827161555288
पाकिस्तानी अदालत का फैसला और परिवार का आक्रोश
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पुलिस ने चारों बच्चों को अदालत में पेश किया।
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दो बालिग बेटियों को आश्रय गृह में, जबकि 13 और 15 वर्षीय नाबालिगों को माता-पिता को सौंपा गया।
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पाक मीडिया का दावा है कि बच्चों ने स्वेच्छा से धर्म बदला, जबकि माता-पिता का आरोप है – बच्चे डरे हुए हैं और पुलिस दबाव में हैं।
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फरहान और जुल्फिकार को कोर्ट ने अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया।
जबरन धर्मांतरण की परंपरा कोई नई नहीं
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यह पहली घटना नहीं है – सिंध समेत पाकिस्तान के कई हिस्सों में हिंदू लड़कियों और अब लड़कों के जबरन धर्मांतरण, अपहरण, विवाह की खबरें आम हैं।
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2016 में एक कानून पारित करने की कोशिश हुई थी, लेकिन धार्मिक संगठनों के दबाव में वह लागू नहीं हो पाया।