अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा गुरुवार को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुई। इससे पहले 22 जनवरी 2024 को बाल स्वरूप में रामलला की प्रतिष्ठा की गई थी। अब राम मंदिर के प्रथम तल पर राजा राम अपने दरबार में विराजमान हो गए हैं।
वैदिक अनुष्ठानों के साथ अभिजीत मुहूर्त में हुई प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में किया गया। इस पावन अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पूजा-अर्चना में भाग लिया और राजा राम का आशीर्वाद लिया।
राम दरबार में विराजे श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और बजरंगबली
राम मंदिर के प्रथम तल पर बनाए गए राम दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई है। वहीं, भूतल पर बने छह अन्य मंदिरों में भी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
छह मंदिरों में भी हुई प्रतिष्ठा: शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, भगवती और अन्नपूर्णा विराजमान
मंदिर के परकोटे में स्थापित 6 मंदिरों में भगवान शिव, श्री गणेश, सूर्यदेव, हनुमान जी, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियों की भी विधिपूर्वक प्रतिष्ठा की गई।
चार्टर्ड प्लेन से आया दिव्य आभूषण संग्रह, 11 मुकुट और राम दरबार के लिए खास शृंगार
VHP के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने बताया कि श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए बहुमूल्य रत्न और धातुओं से 11 मुकुट, हार, कुंडल, तिलक और धनुष-बाण तैयार किए गए हैं। इन आभूषणों को चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाया गया था। इसमें शामिल हैं:
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1000 कैरेट हीरा
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30 किलो चांदी
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300 ग्राम सोना
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300 कैरेट रुबी
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भक्तों में फिर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
22 जनवरी को हुए बाल स्वरूप की प्रतिष्ठा के बाद अब राजा रूप में श्रीराम के विराजने से भक्तों में उत्साह चरम पर है। मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक दिव्यता ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है।