11 साल बाद मिली राहत : हाई कोर्ट ने पत्नी की हत्या के दोषी को दी जमानत, जानें पूरा मामला…

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11 साल बाद मिली राहत : हाई कोर्ट ने पत्नी की हत्या के दोषी को दी जमानत, जानें पूरा मामला...

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोलापुर निवासी दीपक मधुकर जाधव को जमानत दे दी है, जिसे 2013 में अपनी पत्नी विद्या दीपक जाधव की हत्या का दोषी ठहराया गया था। हाई कोर्ट ने यह फैसला आरोपी की 11 साल की लंबी सजा और अपील पर जल्द सुनवाई की संभावना न होने को देखते हुए दिया है।

क्या था पूरा मामला?

शादी के बाद बढ़ा प्रताड़ना का सिलसिला

विद्या की शादी अप्रैल 2012 में दीपक जाधव से हुई थी। शुरू में ससुराल में सबकुछ ठीक था, लेकिन एक महीने के भीतर ही पति और ससुराल वाले उस पर शक करने लगे। उसे बच्चा न होने को लेकर भी ताने दिए जाने लगे।

विद्या ने अपने परिवार को बताया कि उसे धमकाया और प्रताड़ित किया जा रहा है।
परिवार ने मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन ससुराल पक्ष का व्यवहार नहीं बदला।

27 अक्टूबर 2013: विद्या की रहस्यमयी मौत

2013 में, विद्या के पिता को दीपक ने बताया कि वह बेहोश हो गई है और उसकी सांसें रुक गई हैं।
हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत गला घोंटने से होने की पुष्टि हुई।

इसके बाद दीपक और उसके परिवार के खिलाफ हत्या की शिकायत दर्ज हुई।

कोर्ट में क्या हुआ?

परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दीपक को ठहराया गया दोषी

विद्या को आखिरी बार दीपक के साथ जिंदा देखा गया था।
गला घोंटने के लिए इस्तेमाल की गई लंगोट घर से बरामद हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विद्या की गर्दन पर चोटें गला घोंटने से होने की पुष्टि हुई।

ट्रायल कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दीपक को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्यों दी जमानत?

दीपक ने 2016 में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।

आरोपी के वकील सत्यव्रत जोशी ने दलील दी कि:
दीपक की 11 साल से अधिक की कैद हो चुकी है।
अपील पर निकट भविष्य में सुनवाई होने की संभावना नहीं है।
हत्या के सबूत केवल गला घोंटने के लिए इस्तेमाल की गई लंगोट की बरामदगी पर आधारित हैं।

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इस दलील को स्वीकार करते हुए जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और डॉ. नीला गोखले की बेंच ने दीपक की सजा को निलंबित कर दिया।
उन्हें ₹25,000 के बॉन्ड पर जमानत दी गई और आदेश दिया गया कि वह हर चार महीने में ट्रायल कोर्ट में पेश हों।

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