खैरागढ़: छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित नवागांव (बर) पंचायत के ग्रामीणों ने लोकतंत्र की मिसाल पेश करते हुए सरपंच और पंचों को निर्विरोध चुन लिया। जहां अन्य पंचायतों में चुनावी प्रतिस्पर्धा में धन-बल और मतभेद बढ़ते हैं, वहीं इस गांव के लोगों ने आपसी सहमति से नेतृत्व चयन कर एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया है।
राजनीतिक द्वंद छोड़ बनाई एकता की मिसाल
गांव की एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि चुनावी प्रतिस्पर्धा से बचकर आपसी भाईचारे को प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद लता नेताम को सर्वसम्मति से सरपंच और 11 वार्डों के पंचों को निर्विरोध चुना गया।
ग्राम पंचायत नवागांव (बर) की खास बातें:
✅ यह पंचायत 2005 में लछना पंचायत से अलग होकर अस्तित्व में आई।
✅ इस पंचायत के अंतर्गत करेलागढ़, बरगांव, टेमरी और नवागांव आते हैं।
✅ यहां 1035 मतदाता हैं, जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया के बजाय आपसी सहमति को चुना।
निर्विरोध सरपंच बनने पर गांव में खुशी
लता नेताम, जो निर्विरोध सरपंच बनी हैं, ने बताया कि यह प्रक्रिया गांव में शांति बनाए रखने में मदद करेगी। आम चुनावों में अक्सर रिश्तों में तनाव और विवाद हो जाते हैं, लेकिन इस फैसले से गांव के लोग एकजुट रहेंगे।
सरकार से मिलेगा प्रोत्साहन!
छत्तीसगढ़ सरकार निर्विरोध चुनी गई पंचायतों को प्रोत्साहन राशि देती है। ऐसे में नवागांव पंचायत को भी विशेष प्रोत्साहन राशि मिलने की संभावना है।