भारतीय रेलवे समय-समय पर अपनी नीतियों में बदलाव करता रहता है ताकि यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें। हर उम्र के यात्रियों के लिए अलग-अलग सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) को रेलवे की ओर से 3 विशेष लाभ मिलते हैं, जिनकी जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं होती।
रेलवे 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों और 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक के रूप में मान्यता देता है और उनके लिए कई खास सुविधाएं देता है। आइए जानते हैं रेल यात्रा के दौरान सीनियर सिटीजन को मिलने वाली तीन महत्वपूर्ण सुविधाओं के बारे में।
1. लोअर बर्थ आरक्षण की विशेष सुविधा
➡ भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर लोअर बर्थ (नीचे की सीट) आवंटित करता है।
➡ महिला यात्रियों को 45 वर्ष की उम्र के बाद यह सुविधा दी जाती है।
➡ रिजर्वेशन के दौरान कंप्यूटर ऑटोमेटिक रूप से लोअर बर्थ देने की कोशिश करता है ताकि बुजुर्गों को यात्रा में असुविधा न हो।
2. ट्रेन में खाली लोअर बर्थ पर सीनियर सिटीजन का पहला अधिकार
➡ अगर रिजर्वेशन के दौरान लोअर बर्थ नहीं मिली, तो यात्रा के दौरान भी यह सुविधा मिल सकती है।
➡ चलती ट्रेन में अगर कोई लोअर बर्थ खाली होती है, तो सीनियर सिटीजन टीटीई से अनुरोध कर सकते हैं।
➡ रेलवे के नियमों के अनुसार, मिडिल या अपर बर्थ पर बैठे वरिष्ठ नागरिक को खाली लोअर बर्थ दी जा सकती है।
3. स्लीपर और एसी कोच में आरक्षित सीटें
➡ भारतीय रेलवे की सभी आरक्षित ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ सीटें आरक्षित होती हैं।
➡ स्लीपर कोच में 6 लोअर बर्थ और एसी 3 टियर एवं एसी 2 टियर कोच में 3-3 लोअर बर्थ आरक्षित होती हैं।
➡ गर्भवती महिलाओं और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को भी जरूरत के अनुसार इन सीटों पर बैठने की अनुमति दी जाती है।
➡ राजधानी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त सीटें आरक्षित रहती हैं।
भारतीय रेलवे का सीनियर सिटीजन यात्रियों के लिए खास संदेश
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को यात्रा में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए ये विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। अगर कोई भी सीनियर सिटीजन इनका लाभ नहीं ले पा रहा है, तो रेलवे हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकता है।