अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या SIP के जरिए लंबी अवधि के लिए योजना बना रहे हैं, तो Systematic Transfer Plan (STP) आपके लिए एक बेहतरीन रणनीति हो सकती है। STP की मदद से आप फंड्स को एक स्कीम से दूसरी स्कीम में नियमित रूप से ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे जोखिम भी कम होता है और रिटर्न की संभावना भी बेहतर होती है।
Systematic Transfer Plan (STP) क्या होता है?
STP एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड की एक स्कीम से दूसरी स्कीम में पूर्व निर्धारित समय और राशि के अनुसार फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। यह ट्रांसफर उसी म्यूचुअल फंड हाउस की स्कीमों के बीच ही किया जा सकता है।
उदाहरण: अगर आपने डेट फंड में एकमुश्त राशि निवेश की है, तो आप हर महीने कुछ हिस्सा इक्विटी फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं।
STP कैसे करता है काम?
-
सबसे पहले निवेशक एक स्कीम में एकमुश्त राशि निवेश करता है (अक्सर डेट फंड)।
-
फिर उस राशि को एक तय इंटरवल (जैसे हर महीने) में दूसरी स्कीम (जैसे इक्विटी फंड) में ट्रांसफर किया जाता है।
-
यह ट्रांसफर प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक पूरी राशि ट्रांसफर न हो जाए।
STP के प्रकार – कौन सा आपके लिए है बेहतर?
✅ Fixed STP (फिक्स्ड एसटीपी)
हर बार एक निश्चित राशि को ट्रांसफर किया जाता है। यह सबसे सामान्य और सरल विकल्प है।
✅ Flexible STP (फ्लेक्सिबल एसटीपी)
यहां आप बाजार की स्थिति के अनुसार ट्रांसफर की राशि कम या ज्यादा कर सकते हैं।
✅ Capital STP (कैपिटल एसटीपी)
इसमें आपकी मूल पूंजी और ब्याज को नियमित रूप से ट्रांसफर किया जाता है।
STP क्यों है निवेशकों के लिए फायदेमंद?
✔️ जोखिम को कम करता है
STP की मदद से आप उतार-चढ़ाव वाले बाजार में धीरे-धीरे निवेश करके लंबी अवधि में जोखिम को कम कर सकते हैं।
✔️ बेहतर रिटर्न की संभावना
बाजार की गिरावट के दौरान कम दामों पर खरीदारी करके लाभ की संभावना बढ़ाई जा सकती है।
✔️ मार्केट टाइमिंग की टेंशन खत्म
STP आपको एकमुश्त निवेश की तुलना में बाजार की टाइमिंग के जोखिम से बचाता है।
✔️ टैक्स प्लानिंग में मददगार
कुछ मामलों में STP के जरिए आप अपने फंड्स को ELSS जैसी स्कीम में ट्रांसफर करके टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं।
दुर्ग जिले के स्कूलों में शिक्षकों की असमान पोस्टिंग से ग्रामीण छात्रों का भविष्य संकट में
ध्यान देने योग्य बातें
-
आप STP का लाभ सिर्फ एक ही फंड हाउस की स्कीमों के बीच उठा सकते हैं।
-
यह लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए ज्यादा उपयुक्त है, खासकर जब आपको एकमुश्त राशि मिली हो (जैसे बोनस या FD मैच्योरिटी)।
-
डेट से इक्विटी ट्रांसफर करने पर ज्यादा फायदा होता है अगर बाजार में तेजी की उम्मीद हो।