“शिक्षक भर्ती विवाह पत्र”…. 57,000 शिक्षक भर्ती की मांग पर अनोखा प्रदर्शन: बेरोजगार युवाओं ने छपवाया वैवाहिक आमंत्रण पत्र…

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“शिक्षक भर्ती विवाह पत्र”…. 57,000 शिक्षक भर्ती की मांग पर अनोखा प्रदर्शन: बेरोजगार युवाओं ने छपवाया वैवाहिक आमंत्रण पत्र…

छत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती अपडेट: छत्तीसगढ़ के बेरोजगार D.Ed और B.Ed डिग्रीधारी युवाओं ने 57,000 शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ एक रचनात्मक और व्यंग्यात्मक आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन को विवाह समारोह का रूप दिया गया है, जहां शिक्षक भर्ती को “दूल्हा” और बेरोजगारों को “बाराती” बताया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ “शिक्षक भर्ती विवाह पत्र”

रायपुर की गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक, एक अनोखा निमंत्रण पत्र खूब वायरल हो रहा है, जिसमें विवाह की रस्मों के ज़रिए सरकार की घोषणाओं पर कटाक्ष किया गया है।

वर: श्री छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार
वधु: श्रीमती विधानसभा घोषणा पत्र
नवविवाहित का उद्देश्य: 57,000 शिक्षक भर्ती
स्थान: प्रदेश भाजपा कार्यालय, रायपुर

यह निमंत्रण सिर्फ एक मज़ाक नहीं, बल्कि बेरोजगारों की पीड़ा और उम्मीद का प्रतीक बन चुका है।

विवाह रस्मों के ज़रिए तीखा राजनीतिक व्यंग्य

माटीपूजा चुलमाटी

दिखाता है 2025 तक भर्ती पूरी करने का वादा, जो आज तक अधूरा है।

देव पूजा देवतला

33,000 शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा, जो अभी तक सिर्फ कागज़ों में है।

चिकट हरदाही

सरकार की “चार इंजन” की मिठास पर व्यंग्य, जो ज़मीनी हकीकत में कड़वी लगती है।

पाणिग्रहण और टिकावन

बताता है कि भर्ती की प्रक्रिया सिर्फ “घोषणा” तक सीमित है, असली कार्रवाई गायब है।

बारात प्रस्थान

युवाओं का समूह प्रदेश भाजपा कार्यालय की ओर “बारात” के रूप में जाएगा, लेकिन पूछते हैं – “दूल्हा कब आएगा?”

शिक्षित बेरोजगारों का गुस्सा और तंज

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित शिक्षक संघ के नेतृत्व में हो रहे इस प्रदर्शन में युवा कह रहे हैं:

“हमने डिग्रियां लीं, परीक्षा पास की, फिर भी नौकरी नहीं। हमारी बारात तो तैयार है, पर दूल्हा यानी भर्ती नदारद है।”

प्रदर्शन का उद्देश्य है सरकार को उसके वादे याद दिलाना और बेरोजगारी के दर्द को सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से सामने लाना।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: वादों का सच या सिर्फ आश्वासन?

पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम:

“भर्ती के नाम पर युवाओं के भविष्य से मज़ाक हो रहा है। मोदी की गारंटी अब सिर्फ एक जुमला लग रही है।”

भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी:

“सरकार अपने वादों पर कायम है। अभ्यर्थियों को भरोसा रखना चाहिए, भर्ती जल्द होगी।”

समापन: अधूरी बारात और अधूरी उम्मीद

यह आंदोलन न सिर्फ एक प्रदर्शन है, बल्कि शिक्षित युवाओं की तड़प, व्यथा और व्यंग्य की अभिव्यक्ति भी है। जब तक 57,000 शिक्षक भर्ती पूरी नहीं होती, तब तक यह प्रतीकात्मक “शिक्षक विवाह” अधूरा रहेगा।

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