यमन में हत्या के आरोप में सजा काट रही हैं भारतीय नर्स, 16 जुलाई को होनी थी फांसी
नई दिल्ली। यमन में मौत की सजा पाए भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को एक बड़ी राहत मिली है। सरकार के राजनयिक और कानूनी प्रयासों के चलते अब उनकी फांसी पर रोक लगा दी गई है। 16 जुलाई को सजा पर अमल होना था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक फांसी टाल दी गई है, जिससे परिजनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है।
किस मामले में मिली थी फांसी की सजा?
निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या के आरोप में वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया गया था।
जानिए पूरा मामला:
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यमन में कार्यरत नर्स निमिषा ने बताया था कि तलाल महदी ने उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया था।
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पासपोर्ट वापस लेने के प्रयास में उन्होंने कथित तौर पर बेहोशी के इंजेक्शन दिए, जिससे महदी की मौत हो गई।
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7 मार्च 2018 को यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुना दी थी।
भारत सरकार के प्रयास लाए रंग
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा करीब एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। 2016 में यमन में छिड़े गृहयुद्ध के बाद वह भारत लौट नहीं सकीं। इस बीच उनके पति और बेटी 2014 में ही वापस लौट चुके थे।
भारत सरकार की ओर से लगातार कूटनीतिक बातचीत, दया याचिका और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की मदद से फांसी पर रोक लगवाने में सफलता मिली है।
क्या होगा अगला कदम?
सरकारी सूत्रों के अनुसार:
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भारत अब निमिषा की रिहाई और प्रत्यर्पण की दिशा में प्रयास तेज करेगा।
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‘ब्लड मनी’ (मुआवजा) की व्यवस्था करने पर भी चर्चा चल रही है, ताकि मृतक के परिवार से समझौता हो सके।