मॉनसून का मौसम भले ही रोमांटिक और खूबसूरत लगे, लेकिन पहाड़ों में यह मौसम जिंदगी के लिए खतरा बन सकता है। उत्तराखंड और हिमाचल की वादियों में हर साल भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाएं सैकड़ों जानें ले लेती हैं। अगर आप ट्रेवल प्लान कर रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जाने से पहले 100 बार सोचें।
1. केदारनाथ – इतिहास दोहराने की गलती न करें
2013 की त्रासदी के बाद से केदारनाथ को मानसून के दौरान सबसे जोखिमभरे स्थानों में गिना जाता है। 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र स्थल तक पहुंचने के लिए लंबा ट्रेक करना होता है।
-
बारिश में रास्ते टूटते हैं
-
जगह-जगह फिसलन और पानी का बहाव
-
भूस्खलन और नदियों में उफान
मानसून में यात्रा टालना ही बेहतर है।
2. नैनीताल – हिल स्टेशन नहीं, खतरे का गड्ढा
उत्तराखंड का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट नैनीताल भी इस मौसम में बेहद अनसेफ हो जाता है।
-
भारी बारिश से सड़कें जाम
-
लैंडस्लाइड की घटनाएं आम
-
आपात स्थिति में फंसने का खतरा
बारिश में नैनीताल की यात्रा को स्थगित करें।
3. मसूरी – हिल्स की रानी, पर मानसून में आफत की रानी
मसूरी की सुंदरता जितनी आकर्षक है, बारिश में वहां जाना उतना ही जोखिम भरा।
-
फिसलन वाली सड़कों पर हादसे
-
लैंडस्लाइड के खतरे
-
रास्तों में अवरोध और ट्रैफिक जाम
सेल्फी से पहले सेफ्टी जरूरी है।
4. अल्मोड़ा – शांत हिल स्टेशन भी बन सकता है खतरे का घर
शांत वातावरण वाला अल्मोड़ा भी मानसून में किसी आपदा से कम नहीं।
-
कम पब्लिक होने के कारण मदद मिलना मुश्किल
-
बादल फटना, रास्तों का टूटना आम
-
बस सफर भी चुनौतीपूर्ण
यहां बारिश में जाना खुद पर अत्याचार हो सकता है।
5. पिथौरागढ़ – खतरनाक है पहाड़ों का यह कोना
पिथौरागढ़ वैसे तो सुरम्य स्थल है, लेकिन बारिश के दौरान यहां का हर रास्ता एक जानलेवा चैलेंज बन जाता है।
-
लगातार बारिश से सड़कों का टूटना
-
लैंडस्लाइड से रास्ते बंद
-
यात्री घंटों, कभी-कभी दिनों तक फंसे रहते हैं
Sapno Ka Arth: अगर आपको आते हैं ये 7 सपने, तो हो जाइए तैयार… जल्द होगी धन वर्षा…
मॉनसून में पहाड़ों की यात्रा से पहले इन बातों का रखें ध्यान
-
मौसम विभाग और लोकल एडवाइजरी जरूर चेक करें
-
लैंडस्लाइड-प्रवण क्षेत्रों में रात में सफर न करें
-
नदी, झरनों और पुलों के पास जाने से बचें
-
इमरजेंसी किट और हेल्पलाइन नंबर साथ रखें
-
ट्रैवल इंश्योरेंस लेना न भूलें