जामुन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन क्या आप सिर्फ इसका स्वादिष्ट गूदा खाकर बीज फेंक देते हैं? अगर हां, तो अगली बार ऐसा न करें! जामुन के बीज में भी छिपा है सेहत का खजाना, जिसे आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है।
क्यों खास हैं जामुन के बीज?
जामुन के बीज में जंबोलिन, जाम्बोसीन, फ्लेवोनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। ये तत्व शरीर को डिटॉक्स करने, पाचन सुधारने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार
जामुन के बीज डायबिटिक मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। इसमें मौजूद जंबोलिन और जाम्बोसीन रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करते हैं और शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
जामुन के बीजों में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। यह कब्ज, गैस, सूजन जैसी समस्याओं में राहत देता है और पाचन एंजाइमों की सक्रियता को बढ़ाता है।
त्वचा और बालों की देखभाल में भी लाभकारी
इन बीजों में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मुंहासे, पिगमेंटेशन और उम्र बढ़ने के असर को कम करते हैं। इसके साथ ही यह बालों की जड़ों को पोषण देता है और गिरने से रोकता है।
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जामुन के बीज को इस्तेमाल करने का सही तरीका
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जामुन खाने के बाद बीजों को अच्छे से धो लें।
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इन्हें 2-3 दिन तक धूप में सुखाएं ताकि नमी न रहे।
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सूखने के बाद बीजों को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें।
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इस पाउडर को एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें।
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रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर गुनगुने पानी, दूध या शहद के साथ लें।
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आप इसे स्मूदी, जूस या दही में भी मिलाकर ले सकते हैं।