बॉडी बनाने के चक्कर में मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे युवा, सप्लीमेंट्स से बढ़ रहा खतरा
नई दिल्ली। आज की युवा पीढ़ी तेजी से फिटनेस की ओर आकर्षित हो रही है। जिम जाना, बॉडी बनाना और स्टैमिना बढ़ाना ट्रेंड बन गया है। लेकिन इस ट्रेंड के पीछे एक खतरनाक सच छिपा है। फिटनेस पाने के लिए युवा जिस तरह सप्लीमेंट्स और स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हैं, वह उनकी मेंटल हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रहा है।
एम्स की रिसर्च का चौंकाने वाला खुलासा
दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) की हालिया स्टडी के मुताबिक, 58% युवा सप्लीमेंट्स लेने के बाद यूफोरिया यानी अत्यधिक खुशी और उत्तेजना की स्थिति में चले जाते हैं। वहीं, 68% युवाओं में साइकोटिक लक्षण नजर आते हैं, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन और नेगेटिव सोच में बदलने लगते हैं।
सप्लीमेंट्स से सिर्फ मानसिक नहीं, हार्ट हेल्थ भी खराब
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हार्ट का असामान्य पंपिंग, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है
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ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हैमरेज का खतरा
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डिहाइड्रेशन से ब्रेन फंक्शन पर असर
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गर्मी में धूल के कणों से भी दिमागी सेहत पर असर
योग और संतुलित डाइट से बेहतर है मानसिक स्वास्थ्य
रोजाना योग, प्राणायाम और बैलेंस डाइट को अपनाकर आप बिना सप्लीमेंट्स के भी फिट रह सकते हैं।
अगर आप आज योग करते हैं और कल छोड़ देते हैं तो इसका असर नहीं मिलेगा। जरूरी है कि हर दिन कंसिस्टेंसी के साथ अभ्यास करें।
ब्रेन को हेल्दी रखने के 5 ज़रूरी उपाय:
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रोजाना एक्सरसाइज करें
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बैलेंस डाइट लें
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तनाव से दूर रहें
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म्यूजिक सुनें
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अच्छी नींद लें
ब्रेन के लिए सुपरफूड्स:
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अखरोट, बादाम, काजू
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अलसी और पंपकिन सीड्स
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गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा
डाइट से करें ब्रेन को स्ट्रॉन्ग:
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अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां
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बादाम रोगन दूध में या नाक में
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बादाम-अखरोट का पेस्ट
पानी और पोषण से बढ़ाएं स्टैमिना:
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3 से 4 लीटर पानी रोज पिएं
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फास्ट फूड से बचें
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प्रोटीन और फाइबर का सेवन बढ़ाएं
ब्रेन हेल्थ के 10 बड़े दुश्मन:
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एल्कोहल
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हाई बीपी
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मोटापा
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डायबिटीज
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हाई कोलेस्ट्रॉल
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डिप्रेशन
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फिजिकल इनएक्टिविटी
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नींद की कमी
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स्मोकिंग
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सामाजिक दूरी
कुछ बीमारियों में ‘प्रोटीन’ बन सकता है धीमा जहर! जानें किन हालातों में न करें सेवन…
ब्रेन हेल्थ से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े:
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40 करोड़ से ज्यादा लोग नेगेटिव इमोशन्स से जूझ रहे
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कोरोना के बाद 20% बढ़ी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम
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अगले 30 सालों में डिमेंशिया के केस तीन गुना हो सकते हैं
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14% लोगों को तात्कालिक मानसिक सहायता की जरूरत