गरियाबंद जिला पंचायत चुनाव में आदिवासी नेताओं का जलवा, भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर
Raipur. रायपुर। गरियाबंद जिला पंचायत चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी को करारा झटका लगा है, क्योंकि उनकी पत्नी और बहू दोनों चुनाव हार गई हैं। वहीं, जिले के दो प्रमुख आदिवासी नेताओं ने शानदार जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
कौन-कौन जीते, किसे मिली हार?
✔️ लोकेश्वरी नेताम ने क्षेत्र क्रमांक 8 से 19293 मतों के साथ निर्दलीय जीत दर्ज की।
✔️ भाजपा की सूरती ध्रुवा को 6405 मत, जबकि कांग्रेस की सरस्वती नेताम को 6213 मत मिले।
✔️ भाजपा समर्थित दो, कांग्रेस समर्थित एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जिला पंचायत चुनाव में जीत हासिल की।
✔️ बलदेव, जो पहले जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष थे, इस बार पंच का चुनाव हार गए।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: बड़ा उलटफेर
➡️ गरियाबंद और मैनपुर ब्लॉक के 315 बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।
➡️ संजय नेताम ने क्षेत्र क्रमांक 7 से जीत दर्ज की, कांग्रेस ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
➡️ विधायक जनक ध्रुव ने अपने कई करीबियों के लिए प्रचार किया, लेकिन उनमें से अधिकतर हार गए।
भाजपा की पंचायत चुनावों में बड़ी जीत: 115 प्रत्याशियों ने जीते जिला पंचायत सदस्य का चुनाव…
राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव
✔️ आदिवासी समाज में नए नेतृत्व का उभरना पुराने नेताओं के लिए चुनौती बन सकता है।
✔️ पंचायत स्तर पर भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिली।
✔️ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।