छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की माँग तेज, छात्र संगठन निकालेगा राजधानी में पदयात्रा…

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छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की माँग तेज, छात्र संगठन निकालेगा राजधानी में पदयात्रा...

छात्रों की मांग – “हमर भाषा, हमर अधिकार”

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य की राजभाषा छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। इसी कड़ी में “एमए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन” ने रविवार, सुबह 9 बजे रायपुर के तेलीबांधा तालाब से एक पदयात्रा का आयोजन किया है। यह यात्रा शहर के घड़ी चौक, जयस्तंभ चौक जैसे प्रमुख मार्गों से होते हुए रायपुर प्रेस क्लब पहुंचेगी, जहाँ प्रेस वार्ता के साथ इसका समापन होगा।

उद्देश्य: छत्तीसगढ़ी को दिलाना है उसका हक और सम्मान

छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने बताया कि भले ही छत्तीसगढ़ी को राज्य की राजभाषा घोषित हुए 15 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे पूर्ण राजभाषा का दर्जा नहीं मिला है।

नई शिक्षा नीति में भी छत्तीसगढ़ी को नहीं मिल रहा उचित स्थान

ऋतुराज ने बताया कि नई शिक्षा नीति मातृभाषा और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देती है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग अब तक छत्तीसगढ़ी के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम तैयार नहीं कर सका है। एससीआरटी द्वारा तैयार किया जा रहा मिश्रित पाठ्यक्रम नई नीति की भावना के खिलाफ है। संगठन की मांग है कि छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूलों में अनिवार्य भाषा के रूप में इसी सत्र से पढ़ाया जाए।

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पदयात्रा से ये संदेश

यह पदयात्रा केवल एक प्रदर्शन नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा की अस्मिता और सम्मान की आवाज है, जिसे अब अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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