रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने जनसंपर्क विभाग में विज्ञापन आवंटन, शिक्षकों की भर्ती, आदिवासी भूमि विक्रय और इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी से जुड़े अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने सरकारी विज्ञापनों के बजट में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।
विज्ञापन घोटाले पर बोहरा का सवाल
भावना बोहरा ने सरकार से पूछा कि जनसंपर्क विभाग द्वारा सरकारी विज्ञापन आवंटन में पारदर्शिता क्यों नहीं है? सरकार के मुताबिक, 243 डिजिटल समाचार पोर्टल इम्पेनल हैं, लेकिन कोई भी राष्ट्रीय समाचार पोर्टल सूचीबद्ध नहीं किया गया।
📌 सरकारी विज्ञापन खर्च (2023-24):
- डिजिटल पोर्टल विज्ञापन: ₹67.16 करोड़ (3179 विज्ञापन)
- समाचार पत्र विज्ञापन: ₹147.36 करोड़ (12,881 विज्ञापन)
- टीवी चैनल विज्ञापन: ₹140.93 करोड़ (901 विज्ञापन)
- रेडियो विज्ञापन: ₹5.29 करोड़ (187 विज्ञापन)
भावना बोहरा ने आरोप लगाया कि विज्ञापन बजट पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना बढ़ा, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की संभावना है। उन्होंने होर्डिंग अनुबंध में गड़बड़ी का भी मामला उठाया, जिस पर मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया।
शिक्षकों के रिक्त पदों का मामला
विधायक ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 56,601 शिक्षकीय पद रिक्त हैं, 5,912 स्कूल एकल शिक्षकीय हैं और 439 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। सरकार 33,000 शिक्षकों की भर्ती पर विचार कर रही है।
आदिवासी भूमि विक्रय प्रक्रिया पर सवाल
भावना बोहरा ने कबीरधाम जिले में आदिवासी भूमि विक्रय अनुमति को लेकर सरकार से जवाब मांगा। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के अनुसार, 2021-22 से 2024-25 तक 118 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से केवल 16 को स्वीकृति दी गई। बिना न्यायालय अनुमति कोई भी भूमि बिक्री नहीं हुई।
इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी पर सवाल
छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 के तहत 10% या ₹1.50 लाख (जो भी कम हो) की सब्सिडी दी जा रही है। अब तक 28,248 लाभार्थियों को सब्सिडी मिली है, जबकि लगभग 45,000 आवेदन लंबित हैं। सरकार ने बजट प्रावधान के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन सब्सिडी भुगतान की समय-सीमा तय नहीं की गई।
भावना बोहरा ने उठाई पारदर्शिता की मांग
भावना बोहरा ने सरकार से विज्ञापन घोटाले, शिक्षकों की भर्ती में देरी, आदिवासी भूमि विक्रय प्रक्रिया और इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की। सरकार ने इन मामलों में जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।