रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन पानी के मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली। प्रश्नकाल के दौरान वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और मोतीलाल देवांगन ने डिप्टी सीएम और PHE मंत्री अरुण साव से जल जीवन मिशन को लेकर कड़े सवाल पूछे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
जल जीवन मिशन पर गरमाई बहस, विपक्ष ने घेरा
प्रश्नकाल में जब जल जीवन मिशन से जुड़े आंकड़े पेश किए गए तो भाजपा विधायकों ने इस पर सवाल उठाए।
🔹 अरुण साव का जवाब: सरकार ने 50.03 लाख घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 44.37 लाख घरों में कनेक्शन लग चुके हैं।
🔹 2024 तक 80.3% घरों में जल आपूर्ति का कार्य पूरा करने का दावा किया गया।
🔹 3,907 गांवों में जल स्रोत नहीं होने के बावजूद पाइपलाइन बिछाने और टंकी निर्माण का मुद्दा उठा।
बिना जल स्रोत के बिछाई गई पाइपलाइन पर उठे सवाल
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि 653 जल स्रोत विहीन गांवों में पाइपलाइन और टंकी तो लगा दी गई, लेकिन जब पानी ही नहीं है तो यह योजना कैसे सफल होगी? उन्होंने पूछा कि क्या बिना जल स्रोत पाइपलाइन बिछाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?
➡️ डिप्टी सीएम अरुण साव का जवाब:
✔️ जब तक 70% कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा।
✔️ अगर किसी गांव में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
अमृत मिशन पर भी गरमाई बहस
विधायक राजेश मूणत ने अमृत मिशन को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 411 करोड़ खर्च होने के बावजूद रायपुर के किसी भी वार्ड में 24×7 पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई।
➡️ डिप्टी सीएम अरुण साव का जवाब:
✔️ यदि ओवरलेपिंग हुई है तो प्रमाण दें, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
✔️ मूणत ने कहा कि पहले भी लिखित में शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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स्पीकर की नसीहत, पारदर्शिता लाने पर जोर
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित जानकारियां तय समय में प्रस्तुत की जाएं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन और अमृत मिशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पारदर्शिता होनी चाहिए।