अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने अशोक अग्रवाल के अंबिकापुर स्थित आवास पर छापा मारा। अशोक अग्रवाल, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं और कांग्रेस के समर्थक भी रहे हैं। ACB ने उनकी संदिग्ध भूमिका की जांच को लेकर यह कार्रवाई की।
DSP प्रमोद खेस के नेतृत्व में दस्तावेजों की छानबीन
छापेमारी के दौरान ACB की टीम रामनिवास कॉलोनी में पहुंची और सरगुजा संभाग के DSP प्रमोद खेस के नेतृत्व में कई अहम दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या अग्रवाल के पास अवैध निवेश या धन छिपाया गया है।
पहले भी पड़ चुकी है इनकम टैक्स की रेड
गौरतलब है कि अशोक अग्रवाल के घर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आयकर विभाग की छापेमारी हो चुकी है। अशोक जहां कांग्रेस समर्थक हैं, वहीं उनके बेटे आकाश अग्रवाल बीजेपी नेता हैं और वर्तमान में राजपुर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष पद पर हैं।
तीन दिन पहले 13 जगहों पर एकसाथ ACB की बड़ी कार्रवाई
17 मई को ACB ने एक संपर्क सूत्र के इनपुट के आधार पर रायपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 13 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे थे। इन छापों में शराब सिंडीकेट और पूर्व आबकारी मंत्री लखमा की मिलीभगत की पुष्टि हुई थी।
ACB की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मंत्री लखमा ने शराब व्यापार में सिंडीकेट सदस्यों के साथ मिलकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित किया और इस रकम को अपने करीबियों, दोस्तों और साझेदारों के पास निवेश करवाया।
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19 लाख नकद, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और भूमि दस्तावेज जब्त
ACB ने 13 जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान:
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₹19 लाख नकद
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कई मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
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बैंक खातों की जानकारी
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भूमि निवेश से जुड़े दस्तावेज
बरामद किए हैं। अधिकारी फिलहाल जब्त सामग्री का विश्लेषण कर आगे की कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच अब और भी गंभीर मोड़ पर पहुंच गई है।