छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि पंजीयन और राजस्व नामांतरण प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए एक ऐतिहासिक पहल की है। अब राज्य में जमीन की रजिस्ट्री होते ही भूमि रिकॉर्ड (नामांतरण) अपने आप अपडेट हो जाएगा और डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति भी तुरंत प्राप्त हो जाएगी।
यह बदलाव छत्तीसगढ़ को देश का पहला राज्य बनाता है, जहां इस तरह की स्वचालित ऑटो म्यूटेशन प्रणाली लागू की गई है।
मंत्री ओपी चौधरी ने बताए सुधार के मुख्य बिंदु
राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जानकारी दी कि जमीन पंजीयन प्रणाली में कुल 10 बड़े बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन है रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर और भुइयां सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन।
पहले लोगों को रजिस्ट्री के बाद नामांतरण कराने के लिए पटवारी, तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और पैसा दोनों खर्च होता था। अब इस तकनीकी सुधार से जनता को इस झंझट से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी।
ऑटो म्यूटेशन सिस्टम से पारदर्शिता और सुविधा
नई व्यवस्था के तहत:
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रजिस्ट्री पूरी होते ही भुइयां सॉफ्टवेयर में खरीदार का नाम अपने आप दर्ज हो जाएगा।
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डिजिटल सिग्नेचर वाली प्रति तुरंत अपलोड होगी और क्रेता-विक्रेता को व्हाट्सएप पर भी भेजी जाएगी।
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इससे न सिर्फ प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी समाप्त होगी।
भूमि विवादों और धोखाधड़ी पर लगेगी रोक
भू-राजस्व संहिता में जरूरी कानूनी संशोधन कर इस प्रणाली को लागू किया गया है। इससे:
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संपत्ति की डुप्लीकेट बिक्री रोकी जा सकेगी।
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भूमि विवादों और मुकदमों में उल्लेखनीय कमी आएगी।
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रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी और निवेश बढ़ेगा।
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ऐतिहासिक पहल
यह ऐतिहासिक सुधार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राजस्व मंत्री और पंजीयन विभाग के समन्वय से संभव हुआ है। मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इस पहल से आम जनता को पारदर्शिता और सुविधा का सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।