छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 5 करोड़ रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड देवेंद्र जोशी और उनकी पत्नी झगीता जोशी सहित 4 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में एक रेलवे कर्मचारी भी शामिल है, जो बेरोजगारों से ठगी में अहम भूमिका निभा रहा था।
कैसे दिया जाता था नौकरी का झांसा?
🔹 गिरोह बड़े अधिकारियों से जान-पहचान होने का दावा करता था।
🔹 फर्जी नियुक्ति पत्र और मंत्रालय की नकली ईमेल आईडी बनाकर बेरोजगारों को विश्वास में लेते थे।
🔹 सरकारी कार्यालयों तक ले जाकर भर्ती प्रक्रिया का दिखावा करते थे।
🔹 बेरोजगार युवाओं से 25-25 लाख रुपये लेकर ठगी की जाती थी।
पुलिस ने ऐसे दबोचा गिरोह
✔️ पहले देवेंद्र जोशी और उनकी पत्नी झगीता जोशी गिरफ्तार हुए।
✔️ पूछताछ में रेलवे कर्मी स्वप्निल दुबे का नाम सामने आया।
✔️ इसके बाद पुलिस ने 3 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
✔️ गिरोह के एक अन्य सदस्य विकास शर्मा की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है।
✔️ अब तक 20 से अधिक पीड़ितों की पहचान हुई और फरार आरोपियों की तलाश जारी।
कौन-कौन आरोपी गिरफ्तार?
1️⃣ स्वप्निल दुबे (44) – रेलवे में तकनीशियन
2️⃣ नफीज आलम (33) – कोरबा निवासी
3️⃣ हलधर बेहरा (31) – रायगढ़ निवासी
4️⃣ सोमेश दुबे (44) – गरियाबंद निवासी
ठगी की रकम कहां गई? पुलिस ने की जब्ती
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने ठगी से मिली रकम को संपत्ति, सोना और क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया था।
जब्त संपत्तियां:
✔️ सोना: 4 सिक्के, 1 हार, 1 बिंदिया
✔️ इलेक्ट्रॉनिक सामान: 3 मोबाइल, 2 एसी, 1 फ्रीज, 2 पंखे, 1 होम थिएटर
✔️ वाहन: 1 स्कॉर्पियो, 1 स्कूटी
✔️ नकदी: बैंक खातों में जमा 15 लाख रुपये होल्ड किए गए
✔️ जमीन: सोनपैरी, टेकारी और कमल विहार में खरीदी गई संपत्तियों पर रोक
ऐतिहासिक फैसला: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, पीड़िता को 4 लाख मुआवजा देने का आदेश
बेरोजगार युवाओं के लिए पुलिस की चेतावनी
✅ सरकारी नौकरी के लिए किसी भी निजी व्यक्ति को पैसे न दें।
✅ फर्जी वेबसाइट, फर्जी ईमेल और नकली नियुक्ति पत्र से सतर्क रहें।
✅ नौकरी से जुड़ी जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल पर ही देखें।
✅ संदेह होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।