भिलाई। कोसा नगर सुपेला में दिव्यांग ई-रिक्शा चालक लाल दास चतुर्वेदी की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस हत्याकांड में तीन नाबालिग और एक युवक शामिल थे। मामूली विवाद के चलते चारों ने मिलकर दिव्यांग की हत्या की और शव को जेवरा सिरसा क्षेत्र के तालाब के पास फेंक दिया। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
घटना का पूरा विवरण
लाल दास चतुर्वेदी, जो ई-रिक्शा चालक थे, 16 जनवरी की शाम को अपने घर से निकले थे।
- उन्होंने हाल ही में नई ई-रिक्शा किश्तों पर खरीदी थी।
- रात में उनकी पत्नी ने कॉल किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ था।
- जब वे रातभर घर नहीं लौटे, तो उनकी पत्नी ने 17 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
18 जनवरी को जेवरा सिरसा तालाब के पास एक अज्ञात शव मिला, जिसकी पहचान लाल दास के रूप में हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
- पीएम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि लाल दास की गला दबाने और भारी वस्तु से वार करने से मौत हुई।
- शव पर चोटों के निशान थे, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह हादसा नहीं, बल्कि हत्या थी।
इसके बाद सुपेला पुलिस ने 19 जनवरी को अज्ञात के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिला
- मुखबिर की सूचना के अनुसार, 16 जनवरी की शाम को कुर्मी भवन सुपेला के पास कुछ लोग लाल दास से मारपीट कर रहे थे।
- पुलिस ने संदेह के आधार पर आयुष बागडे और उसके साथियों को हिरासत में लिया।
- पूछताछ में आयुष ने तीन नाबालिग साथियों के साथ मिलकर हत्या करने की बात स्वीकार की।
हत्या का कारण
आरोपियों के अनुसार, 16 जनवरी की शाम को लाल दास ने ई-रिक्शा से जाते वक्त उन्हें गाली दी, जिसके बाद विवाद बढ़ा।
- गुस्से में आकर आयुष बागडे और उसके नाबालिग साथियों ने मिलकर लाल दास की हत्या कर दी।
- इसके बाद शव को तालाब के पास फेंक दिया।
आरोपियों का बैकग्राउंड
- मुख्य आरोपी आयुष बागडे (25) कोसा नगर, दीक्षित कॉलोनी का रहने वाला है।
- वह पहले भी जेल जा चुका है।
पुलिस टीम की विशेष भूमिका
इस हत्याकांड को सुलझाने में सुपेला थाना प्रभारी राजेश मिश्रा और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
टीम के प्रमुख सदस्य:
- उप निरीक्षक: दीपक सिंह चौहान
- प्रधान आरक्षक: अमर सिंह, उपेंद्र सिंह
- अन्य: सूर्य प्रताप सिंह, दुर्गेश राजपूत, कुलदीप शुक्ला, पूर्णबहादूर, जुगनु सिंह, शिव मिश्रा, शहबाज खान