बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में अवैध संतान को भी अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना है। यह फैसला एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) से जुड़े एक मामले में सुनाया गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने इस संबंध में सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराया और एसईसीएल की अपील खारिज कर दी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: अवैध संतान को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार…
दूसरी पत्नी से हुए बच्चे को भी हक
- सिंगल बेंच के जस्टिस संजय के अग्रवाल ने सितंबर 2024 में फैसला दिया था कि दूसरी पत्नी से हुए बच्चे को भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए योग्य माना जाना चाहिए।
- कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इसके लिए मृतक कर्मचारी की पहली पत्नी की सहमति अनिवार्य नहीं है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: अवैध संतान को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार…
मामले की पृष्ठभूमि
- कोरबा निवासी विक्रांत कुर्रे ने एडवोकेट संदीप दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
- उनके पिता, मुनीराम कुर्रे, एसईसीएल में आर्म गार्ड के पद पर कार्यरत थे और 25 मार्च 2004 को उनकी मृत्यु हो गई।
- नामांकन फॉर्म में ग्रेच्युटी के लिए सुशीला कुर्रे (पहली पत्नी) और पेंशन के लिए विमला कुर्रे (दूसरी पत्नी) का नाम दर्ज था। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: अवैध संतान को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार…
एसईसीएल की अपील खारिज
- विक्रांत कुर्रे ने आश्रित रोजगार के लिए आवेदन किया था, जिसे 2015 में खारिज कर दिया गया।
- इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।
- हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भले ही विक्रांत अवैध संतान हों, लेकिन उन्हें अनुकंपा नियुक्ति के लिए विचार किए जाने का अधिकार है।
- एसईसीएल प्रबंधन को निर्देश दिया गया कि 45 दिनों के भीतर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाए। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: अवैध संतान को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार…
न्यायपालिका का सशक्त संदेश
यह फैसला समानता और अधिकारों की रक्षा के प्रति न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कोर्ट का यह निर्णय अवैध संतान के अधिकारों को मान्यता देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: अवैध संतान को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार…