छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने कृषकों के हित में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब प्रदेश में रेगहा (लीज पर खेती करने वाले) और अधिया (फसल साझा करने वाले) किसान भी कृषक उन्नति योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह निर्णय मंगलवार को आयोजित साय कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
कृषक उन्नति योजना में हुआ बड़ा संशोधन
मंत्रिपरिषद ने योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए यह तय किया है कि जिन किसानों से खरीफ सीजन में सहकारी समितियों या छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम के माध्यम से धान या धान बीज खरीदा गया है, उन्हें अब आदान सहायता राशि (Input Subsidy) दी जाएगी, चाहे वे मालिक किसान हों या रेगहा-अधिया।
क्या है कृषक उन्नति योजना?
कृषक उन्नति योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। इसके तहत:
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किसानों को उचित समर्थन मूल्य पर धान बेचने का अवसर मिलता है,
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आधुनिक कृषि यंत्र और तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है,
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कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद की जाती है।
रेगहा-अधिया किसानों को पहली बार मिला अधिकार
पहली बार ऐसा हुआ है कि खेती के पारंपरिक और असुरक्षित तरीकों से जुड़े रेगहा और अधिया किसान भी सरकार की किसी आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत आए हैं। इससे लाखों किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा, जो अब तक योजनाओं से वंचित थे।
कृषि क्षेत्र को मिलेगी नई रफ्तार
इस फैसले से छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव और तकनीकी विकास की गति और तेज होगी। राज्य में कृषि से जुड़े सभी तबकों को बराबर का अवसर मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।