भीतरखाने मची हलचल, जल्द बदले जा सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
नई दिल्ली/रायपुर। कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी गलियारों में सन्नाटा अब टूटने वाला है। एक बड़े संगठनात्मक भूचाल की आहट मिल रही है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने असम, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव की रूपरेखा तैयार कर ली है। इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों को बदलने का फैसला लगभग तय माना जा रहा है।
आंतरिक कलह: वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी, कैडर में नाराजगी
कांग्रेस में इन दिनों वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की पूछपरख में भारी गिरावट आई है।
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पुराने नेताओं को किनारे किया जा रहा है
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पार्टी में एक बड़ा कैडर खुद को उपेक्षित और नाराज महसूस कर रहा है
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नतीजतन, संगठन में असंतोष गहराता जा रहा है
‘कम्युनिस्टीकरण’ पर घमासान, विचारधारा पर सवाल
पार्टी के भीतर वामपंथी विचारधारा से जुड़े युवाओं की लगातार एंट्री ने कांग्रेस की वैचारिक स्थिति को असमंजस में डाल दिया है।
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यह कांग्रेस की पारंपरिक राष्ट्रवादी और गांधीवादी सोच से टकराव की स्थिति बना रहा है
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कई पुराने नेता इसे पार्टी की मूल पहचान के लिए खतरा मान रहे हैं
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पार्टी में विचारधारा को लेकर स्पष्टता का अभाव दिख रहा है
बिहार चुनाव से पहले नेतृत्व में साफ़-सुथरा बदलाव संभव
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान अगले 5 से 10 दिनों में असंतोष से जूझ रहे राज्यों में बदलाव कर सकता है।
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यह परिवर्तन बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों से पहले किया जाएगा
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उद्देश्य: नई ऊर्जा और नेतृत्व में स्पष्टता लाना
कांग्रेस बनाम भाजपा: संगठित ढांचे की टक्कर
जहाँ कांग्रेस आंतरिक खींचतान से जूझ रही है, वहीं भाजपा मजबूत संगठनात्मक ढांचे और स्पष्ट वैचारिक दिशा के साथ आगे बढ़ रही है।
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भाजपा ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की छवि को और मजबूत किया
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पार्टी का युवा कैडर पूरी तरह सक्रिय और तैयार है
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चुनावी रणनीति पर प्लानिंग पहले से ही शुरू
राजनीतिक विश्लेषकों की राय – अब नहीं चेते तो देर हो जाएगी
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस के पास अब ‘करो या मरो’ की स्थिति है।
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यदि स्पष्ट नेतृत्व और सख्त फैसले नहीं लिए गए,
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तो पार्टी का जनाधार और सांगठनिक ढांचा दोनों बिखर सकते हैं।