बिलासपुर — छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वन विभाग से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। डिप्टी रेंजर सूरज मिश्रा पर सागौन की इमारती लकड़ी के अवैध परिवहन को लेकर संदेह जताया जा रहा है। पुलिस ने जांच के दौरान बिना दस्तावेज के लकड़ी ले जा रहे एक पिकअप वाहन को रोका। ड्राइवर ने बताया कि वह डिप्टी रेंजर के लिए दरवाजा लेकर जा रहा था।
पुलिस की कार्रवाई, फिर अचानक मिले दस्तावेज
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पुलिस ने चेकिंग के दौरान पिकअप वाहन को रोका, जिसमें सागौन की लकड़ी का दरवाजा मिला।
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ड्राइवर के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था, जिससे तस्करी की आशंका बढ़ी।
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पूछताछ में ड्राइवर ने कहा कि वह डिप्टी रेंजर सूरज मिश्रा के मकान के लिए लकड़ी ले जा रहा है।
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पुलिस ने तुरंत सूरज मिश्रा को चौकी बुलाया, जहां उन्होंने बिल और ट्रांजिट परमिट (TP) पेश किया।
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दस्तावेज की पुष्टि के बाद, पुलिस ने लकड़ी और वाहन उन्हें सौंप दिया।
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प्रश्नों के घेरे में डिप्टी रेंजर की कार्रवाई
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यदि लकड़ी वैध रूप से खरीदी गई थी, तो ड्राइवर के पास दस्तावेज पहले से क्यों नहीं थे?
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दस्तावेज बाद में लाए गए — क्या यह पहले से प्लान नहीं था?
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क्या पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से मामला दबाया गया?
मंत्री को नहीं जानकारी, वन विभाग मौन
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी वन विभाग के उच्च अधिकारियों या मंत्री तक अभी नहीं पहुंची है।
स्थानीय स्तर पर इस कार्रवाई को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं — क्या यह सिर्फ संयोग था या फिर किसी बड़ी अनदेखी की कोशिश?