आमतौर पर हर भारतीय नागरिक को अपनी आय के अनुसार टैक्स चुकाना होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां रहने वाले नागरिकों को केंद्र सरकार को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता? यह विशेष छूट सिर्फ सिक्किम को प्राप्त है, जिसका कारण ऐतिहासिक और संवैधानिक दोनों ही है। आइए जानते हैं कि सिक्किम के लोगों को इनकम टैक्स से क्यों छूट दी गई है।
सिक्किम को क्यों दी गई इनकम टैक्स से छूट?
✅ भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत सिक्किम के लोगों को टैक्स में विशेष छूट दी गई है।
✅ 1975 में भारत में विलय से पहले, सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत था, इसलिए इसके कर नियम भारत से अलग बनाए गए।
✅ संविधान के अनुच्छेद 371(F) के तहत सिक्किम को यह विशेष दर्जा दिया गया है, जिससे वहां के मूल निवासियों को कर में छूट मिलती है।
✅ सिक्किम के लोग अगर अपने राज्य में आय अर्जित करते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार का आयकर (Income Tax) नहीं देना होता।
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किन शर्तों पर खत्म हो सकती है टैक्स छूट?
🔹 यह छूट सिर्फ सिक्किम के मूल निवासियों को ही मिलती है।
🔹 2008 के बाद अगर सिक्किम की कोई महिला किसी बाहरी व्यक्ति से शादी करती है, तो उसे यह टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
🔹 सिक्किम के नागरिकों को राज्य के बाहर से होने वाली आय पर टैक्स चुकाना पड़ता है।
🔹 इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन अदालत ने इसे वैध ठहराया।
किन राज्यों को मिलती है इनकम टैक्स में छूट?
भारत में सिक्किम के अलावा पूर्वोत्तर और अन्य राज्यों के कुछ आदिवासी समुदायों को भी टैक्स छूट प्राप्त है। इनमें शामिल हैं:
✔️ त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी समुदाय।
✔️ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के कुछ विशेष जनजातीय समुदायों को भी आयकर में छूट मिली हुई है।
✔️ इन समुदायों को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की भी जरूरत नहीं होती।