बिहार पुलिस की सख्ती: अपराध नियंत्रण पर कड़ा एक्शन
पटना: बिहार में अपराध पर लगाम लगाने और पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के उद्देश्य से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मोतिहारी और गोपालगंज जिलों में पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के मामलों को लेकर सख्त कार्रवाई हुई है। बीते 24 घंटे में दो थानेदारों को निलंबित कर दिया गया, जिससे पुलिस विभाग में खलबली मच गई है।
मोतिहारी: एनडीपीएस मामले में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
मोतिहारी जिले में एसपी स्वर्ण प्रभात ने रामगढ़वा थाना से जुड़े एनडीपीएस कांड (277/23) में लापरवाही के चलते बंजरिया थाना के थानेदार इंद्रजीत पासवान को सस्पेंड कर दिया। दरोगा, जो इस मामले में शिकायतकर्ता थे, ने अदालत में अभियुक्त को पहचानने से इंकार कर दिया। इस घटना को पुलिस प्रशासन ने गंभीरता से लिया और तुरंत निलंबन की कार्रवाई की।
गोपालगंज: जमीन घोटाले में पुलिस अधिकारी सस्पेंड
गोपालगंज जिले में राजेंद्र नगर सरकारी बस स्टैंड की जमीन के फर्जी तरीके से जमाबंदी करने के मामले में नगर थाना के अपर थानाध्यक्ष मंटू कुमार को निलंबित किया गया। एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि केस के जांच अधिकारी (आईओ) ने मामले की जांच में गंभीर लापरवाही दिखाई और आरोपियों को बचाने की कोशिश की।
इस मामले में अन्य जिम्मेदार अधिकारियों, जिनमें सीओ, सीआई और राजस्व कर्मचारी शामिल हैं, के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। फरार बर्खास्त राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र के घर पर पुलिस ने इश्तेहार भी चस्पा किया।
पुलिस विभाग में हड़कंप और सख्त संदेश
इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट है कि बिहार पुलिस लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अब बिल्कुल सख्त हो गई है। इस कार्रवाई का उद्देश्य अपराधियों को सजा दिलाने में लापरवाही रोकना और आम जनता का पुलिस पर विश्वास बहाल करना है।
पुलिस प्रशासन का संदेश
एसपी ने कहा कि लापरवाही या भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल पुलिस विभाग को सतर्क रहने का संदेश देती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि कानून व्यवस्था मजबूत बनी रहे।