अमेरिका का सख्त रुख: BRICS को मिली चेतावनी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा के इस्तेमाल पर कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अगर BRICS देशों ने ऐसा किया तो उन्हें 100% शुल्क (टैरिफ) चुकाना होगा।
‘कोई और मूर्ख देश ढूंढ लें’ – ट्रंप
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए BRICS देशों को सीधे लहजे में कहा,
“डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम चुपचाप देखते रहें, यह समय अब खत्म हो चुका है। BRICS देश कोई और मूर्ख देश ढूंढ लें।”
BRICS देशों को देना होगा आश्वासन?
ट्रंप ने BRICS से साफ प्रतिबद्धता मांगी कि वे न तो नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही डॉलर का विकल्प तलाशेंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें 100% टैरिफ और अमेरिकी बाजार से बाहर होने के लिए तैयार रहना होगा।
BRICS में कौन-कौन से देश शामिल?
BRICS एक महत्वपूर्ण अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें 10 देश शामिल हैं:
- ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और UAE।
- यह 2009 में गठित किया गया था और इसका विस्तार लगातार बढ़ रहा है।
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BRICS बनाम अमेरिका: क्या कहता है भारत?
BRICS के कुछ सदस्य देश, खासतौर पर रूस और चीन, डॉलर का विकल्प तलाशने की वकालत कर रहे हैं। हालांकि, भारत ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा है कि वह ‘डी-डॉलराइजेशन’ (अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने) के खिलाफ है।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत BRICS मुद्रा बनाने का समर्थन नहीं करता और इस तरह की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।